जनवरी-जून, 2023

वर्ष: 04, अंक: 07, जनवरी-जून, 2023 – डाउनलोड करें

इस अंक में

संपादकीय एक सदी की भारतीय नेपाली कहानियां वाया सुवास दीपक एक सदी की भारतीय नेपाली कहानियां वाया सुवास दीपक
लोक कथाएँ
तसेसङ (भगवान तसेथिङ की कथा)
(सिक्किम की लेप्चा लोककथा) डुप स्यूजोङ लेप्चा तसेसङ (भगवान तसेथिङ की कथा)
हिंदी के सजग प्रहरी
गुरु-दक्षिणा
(स्मृति: रमण शांडिल्य) जुमसी सिराम ‘नीनो’ गुरु-दक्षिणा
लेख
न्यिशी जनजाति की सामाजिक संरचना ताना नायन्यिशी जनजाति की सामाजिक संरचना
रंगमंच पर ‘अंधायुग’ से टकराते रतन थियाम संजीब कुमारपूर्वोत्तर भारत की औपन्यासिक अभिव्यक्ति
पूर्वोत्तर भारत की लोककथाओं में मातृत्व सेतु कुमार वर्मापूर्वोत्तर भारत की लोककथाओं में मातृत्व
जननेता हिजम इरावत सिंह: प्रगतिशील क्रांतिकारी जीवन, युगांतरकारी सृजन देवराजजननेता हिजम इरावत सिंह: प्रगतिशील क्रांतिकारी जीवन, युगांतरकारी सृजन
गालअ: पारंपरिक पोशाक के बाने में सांस्कृतिक विरासत यागे काबाकगालअ: पारंपरिक पोशाक के बाने में सांस्कृतिक विरासत
असमीया संस्कृति की सतरंगी गंध को समेटते कुबेरनाथ राय के निबंध अनुपम भट्टअसमीया संस्कृति की सतरंगी गंध को समेटते कुबेरनाथ राय के निबंध
अस्मि‍ता को समर्पि‍त अक्षर : जमुना बीनी की कहानियाँ राजकुमार व्यासपूर्वोत्तर भारत की लोककथाओं में मातृत्व
हेलेन लेप्चा उर्फ़ सावित्री देवी: लेप्चा जनजाति की स्वतंत्रता सेनानी सोनामित लेप्चाहेलेन लेप्चा उर्फ़ सावित्री देवी: लेप्चा जनजाति की स्वतंत्रता सेनानी
मनुष्य और प्रकृति के सहचर मिजो कवि रोकुङा श्रीप्रकाश मिश्रमनुष्य और प्रकृति के सहचर मिजो कवि रोकुङा
कविताएं
जोनाली बरुवा की तीन कविताएं जोनाली बरुवा की तीन कविताएं
आकाश वर्मा की तीन कविताएं आकाश वर्मा की तीन कविताएं
रूपा तामाङ की तीन कविताएं रूपा तामाङ की तीन कविताएं
तुलसी छेत्री ‘तुलसी’ की आठ कविताएं तुलसी छेत्री ‘तुलसी’ की आठ कविताएं
अनूदित रचनाएँ
सुनकेशरी मैया मूल रचना: पुष्प शर्मा
सिक्किम की लोककथा (नेपाली से हिंदी) अनुवादक: चुकी भूटिया सुनकेशरी मैया
मनप्रसाद सुब्बा की दो कविताएं
नेपाली से हिंदी अनुवादक: बीना क्षत्रिय मनप्रसाद सुब्बा की दो कविताएं
प्रवीण राई जुमेली की चार कविताएं
नेपाली से हिंदी अनुवादक: सुवास दीपक प्रवीण राई जुमेली की चार कविताएं
नीलिम कुमार की कविताएं
असमीया से हिंदी अनुवादक: विनोद रिंगानिया नीलिम कुमार की कविताएं
पूर्वोत्तर भारत का पौराणिक क्षितिज
मोपिन त्योहार की पौराणिकता गुम्पी ङूसो मोपिन त्योहार की पौराणिकता
कहानी
खेल रीतामणि वैश्य खेल
पुस्तक समीक्षा
पूर्वोत्तर भारत कोई पहेली नहीं है वाया ‘फेनी के इस पार’ प्रकाश उप्रेती पूर्वोत्तर भारत कोई पहेली नहीं है वाया ‘फेनी के इस पार’